ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए:
“मगर धन्य है डॉ. अम्बेडकर। उन्होंने तलवार या बंदूक का नहीं, अहिंसात्मक तरीके से अपने समाज के कष्टों को दूर करने का निर्णय लिया।”
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक शान्ति स्वरूप बौद्ध हैं।संदर्भ : डॉ. अंबेडकर को जीवन में पग पग अपमान के खून के चूंट पीने पड़े लेकिन उन्होंने इसका प्रतिरोध अहिंसात्मक तरीके से किया।स्पष्टीकरण : लेखक अंबेडकर के जीवन पर रोशनी डालते हुए कहते हैं कि भीमराव को स्कूल में पढ़ाई से लेकर नौकरी तक अछूत होने का दंश झेलना पड़ा। उन्हें पारसी सराय से अपमानित कर बाहर किया गया। यहाँ तक कि सिडनेहम कॉलेज, मुंबई में भी जातिवादी लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया। अंबेडकर इन अत्याचारों से पीड़ित हो कई बार बंदूक उठाने के बारे में सोचते थे। मगर धन्य है डॉ. अंबेडकर उन्होंने तलवार या बंदूक का नहीं अहिंसात्मक तरीके से अपने समाज की पीड़ा दूर करने का बीड़ा उठाया।