ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए :
“जिन्दगी में मानसिक तनाव को दूर रखें। उतार-चढ़ाव, लाभ-हानि – इसे जीवन का अंग मान लें|”
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘दिल का दौरा और एनजाइना’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक डॉ. यतीश अग्रवाल हैं।संदर्भ : लेखक हृदय रोग से बचाव के बारे में पाठकों को बता रहे हैं।स्पष्टीकरण : हृदय रोग से बचने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए। हृदय रोग जिनको है वे भी सुबह-शाम सैर करें। अपने वजन का ध्यान रखें। लेखक कहते हैं कि जिंदगी में मानसिक तनाव को दूर रखें। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। लाभ-हानि यह सब जीवन का अभिन्न अंग है। इसे स्वीकार कर लेना चाहिए अर्थात् सकारात्मक सोच के साथ जीवन यापन करना चाहिए।