उस दिन जिला परिषद में प्राइमरी स्कूलों के लिए अनट्रेण्ड अध्यापकों का चुनाव था। उसमें तीन सौ अध्यापक चुने जानेवाले थे। दस हजार उम्मीद्वार आये थे। हर एक उम्मीद्वार के साथ लगभग 5-6 सिफारिश करनेवाले थे। दर्शक भी काफी थे और वह एक मेला जैसा लग रहा था। अनट्रेण्ड अध्यापकों के चुनाव के लिए शहर में सुबह से ही इतनी भीड़ लग गई थी कि मानो कुंभ का मेला लग गया हो। सड़कों पर लोगों की चहल-पहल और शोरगुल शुरू हो गया था। ऐसा लग रहा था कि किसी नेता को देखने भीड़ इकट्ठी हो रही है।