‘बीमार स्त्री इलाज के लिए जब वैद्य परमानंद के पास जाती है तो वे उसे उसका बचना मुशकिल है कहकर खूब डराते है। बाद में उससे अजीब से प्रश्न पूछते है जिसका बीमारी से संबंध ही नहीं। उसके हृदय पर चंदन का लेप लगाने के लिए कहते है। उसके हाथ में अमर भास्कर चूर्ण देकर उसे इस तरह खाने को कहते है वह सिधे पेट में न जाकर हृदय में जाए। फिर उसे पंद्रह दिन तक खाना न खाने की सलाह देते हैं।