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in Class 12 by kratos

दोहे का भावार्थः

बहुत दिनन की जोवती, बाट तुम्हारी राम।
जिव तरसै तुझ मिलन कूँ, मनि नाहीं विश्राम ||೯||

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by kratos
 
Best answer

मैं तुम्हारा नाम रटती हुई बहुत दिनों से अर्थात् न जाने कब से तुम्हारे आने का मार्ग देख रही हूँ। मन तुमसे मिलने के लिए व्याकुल हो रहा हैं और मन में उसके बिना शांति नहीं है।

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