दोहे का भावार्थः
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान । मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ॥ १०॥
कबीरदास कहते हैं कि संतजन (साधु) की जाति मत पूछो, यदि पूछना ही है तो उनके ज्ञान के बारे में पूछ लो। तलवार को खरीदते समय सिर्फ तलवार का ही मोल-भाव करो, उस समय . तलवार रखने के कोष को पड़ा रहने दो। उसका मूल्य नहीं किया जाता।