ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए:
तुलसी एहि संसार में, भाँति भाँति के लोग। सब सो हिल मिल बोलिए, नदी नाव संयोग।।
प्रसंग : प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘तुलसीदास के दोहे’ नामक संग्रह से लिया गया है। इसके रचयिता तुलसीदास हैं।संदर्भ : तुलसीदास कहते हैं कि इस जगत में भिन्न भिन्न विचारों के लोग रहते हैं। हमें उनसे मेल मिलाप के साथ रहना चाहिए।स्पष्टीकरण : तुलसीदास कहते हैं कि इस संसार में भिन्न-भिन्न विचारों को, धर्मों को मानने वाले लोग रहते है। हमें सबके साथ सहिष्णुता के साथ रहना चाहिए। हमें उनके विचारों, मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए। सबसे प्रेमपूर्वक बोलना चाहिए। भिन्न विचारों के साथ समन्वय जरूरी होता है।विशेष : अवधी भाषा और ब्रज भाषा का प्रयोग। भिन्न विचारों के बीच समन्वय पर जोर दिया गया है।