मीराबाई ने जीवन के सार तत्व को कैसे अपना लिया?
मीराबाई ने अपने इष्ट गिरधर गोपाल की सच्चे मन से भक्ति की है। उसने जीवन के सारतत्व को अपना लिया है। अर्थात् तीर्थाटन, व्रत-उपवास अथवा कासी में करवट लेने जैसे पाखंड (दिखावटी) भक्ति न करके, काया-वाचा-मनसा वाली सच्ची भक्ति की है।