इलाहाबाद के पथ पर पत्थर तोड़नेवाली स्त्री का चित्रण कीजिए।
इलाहाबाद के पथ पर वह महिला पत्थर तोड़ती थी। वहाँ कोई छायादार पेड़ नहीं था, जहाँ वह बैठ सके। उसका तन साँवला था, पर वह भरे यौवन में थी। आँखें नीचे थी और काम में तत्पर थी। बड़ा हथौड़ा हाथ में लिए प्रहार करते हुए पत्थर तोड़ रही थी।