‘उल्लास’ कविता के आधार पर मानव हृदय में उठनेवाले भावों को अपने शब्दों में लिखिए।
मानव हृदय में शैशव काल में नव विकास देखा जा सकता है। यौवन या युवावस्था में यौवन का उल्लास देखा जा सकता है। संसार के झंझा-झकोरों में आशा रूपी लताओं के विकास को देखा जा सकता है। इसी प्रकार आकांक्षा, उत्साह और प्रेम का भी क्रमिक प्रकाश देख सकते हैं।