जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण रखना इस कविता का आशाय है। जीवन में हर समय हर्ष व उल्लास से रहना चाहिए। अशांति घृणा को त्यागकर सब से प्रेम के साथ व्यवहार करना चाहिए। हम अगर लोगों में प्यार बांटेंगे तो हमें प्यार ही मिलेगा, घृणा से व्यवहार करेंगे तो समाज में घृणा और अशांति फैलेगी। यही इस कविता का आशय है।