‘प्रतिभा का मूल बिन्दु’ कविता का भाव संक्षेप में लिखिए।
प्रस्तुत ‘प्रतिभा का मूल बिन्दु’ कविता में कवि द्वारा सैद्धांतिक समीक्षा की गई है, जिसमें आत्यंतिक कल्पनाओं का, अनुमान का प्रयोग न करके जीवन के निरन्तर संघर्ष-पथ को कवि शानाता है। प्रतिभा सतत प्रयास तथा परिश्रम की जननी मानी जाती है।