+3 votes
in Class 11 by kratos

ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए:

कोई साथ न रहने पर भी
चन्दा-तारे साथ रहेंगे।
दर्द तुम्हारा बाँटेंगे वे,
तुमसे अपनी बात कहेंगे।

1 Answer

+6 votes
by kratos
 
Best answer

प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य वैभव’ के ‘मत घबराना’ नामक कविता से ली गई हैं, जिसके रचयिता डॉ. रामनिवास ‘मानव’ हैं।
संदर्भ : कवि नवयुवकों को संदेश देते हैं कि जीवन के पथ पर तुम सदा आगे बढ़ों। प्रकृति हमें प्रेरणा देती है।
स्पष्टीकरण : कवि कहते हैं कि बाधाओं से, प्रतिकूल परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए। इनसे बिना डरे निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिए, कोई साथ दे या न दे। आप मंजिल तय करते समय अकेले पड़ जाएँ तब घबराना नहीं। यह चाँद, यह तारे तुम्हारे साथ हर पल रहेंगे। यह कभी भी साथ नहीं छोड़ते। प्रकृति मनुष्य का कभी भी साथ नहीं छोड़ती। मनुष्य का प्रकृति के साथ रिश्ता अटूट है। तुम उनसे बात करना। अपना कष्ट सुनाना। वे बिना परेशान हुए तुम्हारी बात को गंभीरता से सुनेंगे। वे अपनी बात तुमसे कहेंगे। उन्हें अपना सच्चा मित्र समझकर आगे बढ़ते जाओ।
विशेष : खड़ी बोली हिन्दी का प्रयोग। प्रेरणास्पद कविता।

...