नारी के शक्ति रूपों का वर्णन कीजिए।
नारी शक्ति रूप है, कभी रणचंडी भी दैत्य नाशिनी दुर्गा माँ है। शक्ति, शिवानी तथा कात्यायिनी का सशक्त रूप भी नारी में प्रतिबिंबित होता है। समय की मांग अनुसार नारी दैत्यों का खून पीने वाली महाकाली का वेश धारण भी कर लेती है। इस तरह नारी सृष्टि का मूल है।