ठाकुर सरदार सिंह का लड़का लखनऊ में पढ़ता था। ठाकुर कभी-कभी लखनऊ जाते थे। उन्हें कहानी सुनने का बड़ा शौक था। वहाँ एक शराबी था। वह ठाकुर को मजेदार तथा लच्छेदार कहानियाँ सुनाकर खुश किया करता था। एक दिन शराबी ने गड़रिए की कहानी सुनायी तो ठाकुर हँसने लगा। इस प्रकार शराबी अमीरों की रंग-रेलियाँ, नवाबों के सोने-से दिन, दुखियों की दर्द-भरी
आहे तथा रंगमहलों में घुट-घुटकर मरनेवाली बेगमों की कहानियाँ सुनाया करता था।