शराबी से बात करते करते ठाकुर साहब जब थक गए तो उन्होंने एक रुपया देकर शराबी को जाने का आदेश दिया। साथ ही लल्लू जम्मादार को भेज देने के लिए भी कहा। जमादार लल्लू को खोजते हुए शराबी फाटक के बगलवाली कोठरी के पास पहुंचा, तो एक बच्चा मारखाकर रोते हुए मिला। लल्लू उसे बुरी तरह डाँट रहा था। शराबी उस बच्चे को साथ ले आया और रोने का कारण पूछा। लड़के ने रोते-रोते ही कहा – मैंने आज दिन भर से कुछ नहीं खाया है। यह सुनकर शराबी को बालक पर दया आ गई। उसे वह अपनी गंदी कोठरी में रखा पराठे का टुकड़ा खिलाने के लिए साथ ले आया।