शराबी मधुआ को अपने घर में शरण देता है। उसके हाथ में पराठे का एक टुकड़ा देकर बालक का पेट भरने के लिए कुछ खरीदने दुकान पहुंचता है। वह एक रुपए से बारह आने का एक देशी अद्धा और दो आने की चाय, दो आने की पकौड़ी, आलू मटर या फिर चारों आने का मांस खरीदना चाहता था। परन्तु मधुआ का ख्याल आते ही वह अद्धा लेना भूल गया और मिठाई पूरी खरीद लाया।