शराबी दूसरों का मन बहलाव करके जो पैसा पाता था उससे शराब पी जाया करता था। एक दिन वह एक बालक मधुआ को देखता है। वह रो रहा था। शराबी उसे खाना खिलाता है। मंधुआ के आने से शराबी का जीवन बदल जाता है। वह मधुआ के लालन पालन की जिम्मेदारी उठा लेता है। उस मासूम बालक के प्रेम में वह अपने जीवन को सार्थक मान लेता है। इस तरह शराब छोड़कर काम करना शुरु कर देता है।