समधी अंदर से एक थाल ले आये और बाबूजी के सामने रख दिया। उस पर लाल रंग का रेशमी रूमाल बिछा था। बाबूजी ने रूमाल उठाया, तो नीचे चाँदी के थाल में चाँदी की तीन चमचम करती कटोरियाँ रखी थीं, एक में केसर, दूसरी में राँगला धागा, तीसरी में एक चमकता चाँदी का रुपया और चमकती चवन्नी। इसके अलावा तीनों कटोरियों में तीन छोटे-छोटे चाँदी के चम्मच रखे थे।