जनवरी के आस-पास दिल्ली में शीत-लहर का प्रकोप प्रायः रहता है। दिल्ली में कड़ाके की ठंड थी। शरीर के भीतर से पार हो जानेवाली तेज हवा चल रही थी। कई दिन से सूरज नहीं निकला था। दिन में तापमान पन्द्रह डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जा रहा था। रात में पारा चार डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा रहा था। कई साल के बाद दिल्ली में इतनी तेज ठंड पड़ी थी। समूचा उत्तरी भारत शीत लहर की चपेट में था। दिल्ली में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी थी। जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था की गई, गरीब लोगों को कम्बल बाँटे गए और स्कूलों को छुट्टी दी गई।