सिलिया साँवली-सलौनी, मासूम-भोली, सरल व गंभीर स्वभाव वाली लड़की थी। स्वस्थ देह के कारण वह अपनी उम्र से कुछ ज्यादा ही लगती थी। सिलिया की सहेलियाँ उसे छेड़ती, हँसती। मगर सिलिया इन बातों पर कोई ध्यान नहीं देती। सिलिया गंभीर और सीधे सरल स्वभाव की आज्ञाकारी लड़की है। अपने जाति पर होनेवाले भेदभाव पर क्रोध था। विरोध था। भेदभाव को जड़ से निकालकर फेंकना चाहती है। अपनी माँ से हमेशा कहती थी कि – “मैं शादी नहीं करूँगी, खूब पढूंगी और अच्छा नाम कमाऊँगी।” वह किसी के सामने सिर झुकाना नहीं चाहती है।