छोटा बेटा प्रमोद बीमार पड़ा है। उम्र छः वर्ष है। अध-टूटे खटोले पर नंग-धडंग पड़ा हुआ है। इतना क्षीण हो गया है कि उसके शरीर की हड्डियाँ स्पष्ट दिखाई देने लगी हैं। उसके हाथपैर बासी ककड़ियों की तरह सूखे हुए बेजान हो गये हैं। पेट हंडिया की तरह फूला हुआ है। मुँह पर मक्खियाँ भिनभिना रही थीं। माँ सिद्धेश्वरी ने उसके चेहरे पर एक फटा, गंदा ब्लाउज डाल दिया। इस दयनीय स्थिति में प्रमोद बीमार था।