367, वल्लभाई पटेल चौक
जेवर्गी कॉलोनी
कलबुरगी
दिनांकः 5 सितम्बर, 2018
प्रिय अनुज राजीव
सस्नेह शुभाशीष।
तुम्हारा पत्र मिला। तुमने बताया कि इस बार परीक्षा परिणाम तुम्हारे अनुकूल नहीं आएं हैं। तुमने बताया कि तुम्हारी तबीयत खराब हो गई थी। तुम यह अच्छी तरह जानते हो कि स्वास्थ्य ही मनुष्य की संपति है। पहला सुख ही निरोगी काया को माना गया है। अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए प्रातःकाल उठकर व्यायाम किया करो। व्यायाम से मन में उत्साह बना रहता है और मन प्रसन्न रहता है। बुद्धि का विकास भी होता है।
मुझे विश्वास है कि मेरी सलाह को मानकर तुम नित्य व्यायाम करोगे। शुभकामनाओं सहित।
तुम्हारा भाई
अरूण
सेवा में,
राजीव नायक
प्रथम पी.यू.सी.
जैन कॉलेज, जयनगर,
बेंगलूरु – 560 041.