ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए :
‘इसी प्रकार जो लोग स्वार्थी होकर अपने कर्तव्य पर ध्यान नहीं देते, वे संसार में लज्जित होते हैं और सब लोग उनसे घृणा करते हैं।’
प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘कर्तव्य और सत्यता’ नामक पाठ से लिया गया है जिसके लेखक डॉ. श्यामसुन्दर दास हैं।संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को लेखक ने स्वार्थी लोगों के स्वभाव के बारे में बताते हुए कहा हैं।स्पष्टीकरण : लेखक स्वार्थी लोगों के बारे में कह रहे हैं कि जो स्वार्थी लोग अपने कर्तव्यों की ओर ध्यान नहीं देते, वे संसार में लज्जित भी होते हैं और लोग उनसे घृणा भी करते हैं।