विश्वेश्वरय्या की प्रसिद्धि तथा पदोन्नति देखकर कुछ इंजीनियर उनसे ईर्ष्या करने लगे थे। इसके दो कारण थे – एक तो विश्वेश्वरय्या की उम्र उस वक्त केवल सैंतालीस की थी और दूसरी बात वे अनेक पुराने तथा सीनियर इंजीनियरों से वेतन तथा पद की दृष्टि से भी आगे बढ़ गये थे। वे सूपरिन्टेंडिंग इंजीनियर पहले ही से थे। हर बात में उनकी सलाह ली जाती थी। इसे देखकर अनेक इंजीनियरों में असंतोष और ईर्ष्या की भावना घर कर गई थी।