शामनाथ और उनकी पत्नी ने चीफ़ की दावत के लिए सुबह से ही तैयारियां शुरू कर दी थी। साफ़-सफ़ाई, टेबल-कुर्सियाँ, तिपाइयाँ, नैपकिन, फूल आदि बरामदे में पहुँच गये। ड्रिंक का इन्तजाम कर दिया गया। कमरे की अच्छी तरह सजावट हुई। घर का फालतू सामान अलमारियों के पीछे और पलंगों के नीचे छुपाया गया। इस प्रकार दोनों ने खूब मेहनत करके, पसीना बहाते हुए तैयारियाँ की।