भोलाराम की पत्नी ने नारद से कहा की भोलाराम को “गरीबी की बीमारी थी। पाँच साल हो गये पर पेंशन अभी तक नहीं मिली थी। दरख्वास्त देने पर भी पेंशन नहीं मिली थी। इन दिनों गहने बेंचकर गुजारा कर रहे हैं। बरतन तक बिक गए। खाने के फ़ाके पड़ रहे हैं। चिंता में घुलते-घुलते और भूखे मरते-मरते उन्होंने दम तोड़ दिया था।