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in Class 12 by kratos

ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए :

“इनकी हर मंज़िल पर इतनी जगह जानबूझकर छोड़ी गई है जो भूकम्प के धक्के सह सके।”

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by kratos
 
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प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘यात्रा जापान की’ नामक पाठ से लिया गया है जिसकी लेखिका ममता कालिया हैं।

संदर्भ : जापान में इतने तूफान और भूचाल आते हैं, इतनी गगनचुम्बी इमारते फिर क्यों बनायी गयीं हैं? इस प्रश्न के उत्तर में सुरेश जी इस वाक्य को कहते हैं।

स्पष्टीकरण : ओसाका यूनिवर्सिटी के अंतराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन में भाग लेने के लिए ममता कालिया ने प्रतिनिधि मंडल के साथ जापान की यात्रा की। जापान में हुई तकनीकी प्रगति, जापानियों की कर्मनिष्ठता का वर्णन इसमें देखने को मिलता है। वे तोक्यो नगर को देखने निकलीं। वे कहती हैं जैसे-जैसे दिन छुपता है, तोक्यो उजागर होता जाता है – गलियों में, बाजारों में, सागर और किनारों में। ममता कालिया सुरेश ऋतुपर्ण से पूछती हैं – जापान में इतने भूचाल और तूफान आते हैं, इतनी गगनचुम्बी इमारतें क्यों बनायी गयी हैं? इस प्रश्न के उत्तर में सुरेश जी कहते हैं – इनकी हर मंजिल पर इतनी जगह जानबूझकर छोड़ी गई है जो भूकम्प के झटके सह सके।

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