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in Class 12 by kratos

रैदासबानी कविता का आशय :

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by kratos
 
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प्रस्तुत पदों में संत रैदास ने भगवान के प्रति अपना दास्यभाव प्रकट किया है। प्रभु को चंदन, दीपक, मोती और स्वामी मानते हुए अपने आपको पानी, बाती, धागा और दास माना है। परिश्रम से की गई कमाई को श्रेष्ठ बताया गया है और अन्त में एक सुखी राज्य की कामना की गई है।

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