वाणी को क्यों संयत रखना चाहिए?
रहीम कहते हैं कि वाणी को नियंत्रण में रखना चाहिए। क्योंकि वाणी ही रिश्ते बनाती है और वाणी ही बिगाड़ती है। वाणी का प्रयोग जीभ से होता है और जीभ दुनिया भर की बातें कहकर खुद तो अन्दर चली जाती है, लेकिन जूते सिर को खाने पड़ते है।