कवि बिहारी के अनुसार भगवान किस प्रकार की भक्ति से प्रसन्न होते हैं?
बिहारी कहते हैं – जप करने, माला फेरने एवं चंदन का तिलक लगाने जैसी बाहरी क्रियाओं से ईश्वर प्रसन्न नहीं होते हैं। इन बाह्य आचरणों से सच्ची भक्ति नहीं होती है। ईश्वर तो केवल सच्चे मन से की गई भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं।