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in Class 12 by kratos

ससंदर्भ भाव स्पष्ट कीजिए :

अधर-धरत हरि कैं परत, ओठ-डीठि-पट-जोति।
हरित बाँस की बाँसुरी, इंद्र धनुष-रंग होति॥

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by kratos
 
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प्रसंग : प्रस्तुत दोहा हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘बिहारी के दोहे’ से लिया गया है, जिसके रचयिता बिहारी लाल जी हैं।

भाव स्पष्टीकरण : कृष्ण का सौंदर्य-वर्णन करते हुए बिहारी कहते हैं कि कृष्ण जब हरे रंग की बाँसुरी अपने लाल होठों पर रखते हैं तो उस मुरली पर कृष्ण के नीले शरीर के ऊपर के पीले रंग के वस्त्र (पितांबरी) की छवि पड़ती है तो यह सब मिलकर आसमान के नीले रंग में दिखाई देनेवाले इंद्रधनुष का आभास दे रही है।

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