महादेवी वर्मा छायावादी कवयित्री थीं। प्रकृति वर्णन छायावाद का प्रमुख अंग हैं। ‘अधिकार’ कविता में भी कवयित्री ने कई प्राकृतिक तत्वों के द्वारा हमें संदेश दिया है। फूल, तारे, मेघ, वसंत ऋतु आदि प्राकृतिक तत्वों द्वारा दुःख एवं वेदना का अनुभव कराया है। नीले मेघों को धुलना चाहिए और वसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु का आना स्वाभाविक है। उसी तरह मानव जीवन में सुख-दुःख सामान्य है। दुख, वेदना, यातना की अनुभूति कर धैर्य से सामना करना चाहिए।