‘कायर मत बन’ कविता में कवि नरेन्द्र शर्मा हमें संदेश देते हैं कि कुछ भी बन, बस कायर मत बन। मानवता को कभी मत छोड़ना। मूर्ख वैरी जब ललकारता है तो उसे पीठ मत दिखाना, उसके सामने कभी घुटने मत टेकना। प्यार से समझाने का प्रयत्न करो, जब न सुने तो उसे सबक सिखा दो। कायरता प्रतिहिंसा से भी अधिक अपावन है। दुष्ट के सामने आत्मसमर्पण नहीं करना चाहिए। मानवता को ज्यादा महत्व देते हुए कायरता को छोड़कर, धैर्य और साहस से जिन्दगी में आगे बढ़ना चाहिए।