डॉ. पुण्यमचन्द ‘मानव’ ने ‘भारत की धरती’ कविता में भारत के विभिन्न प्रान्तों की विशेषताओं का वर्णन किया है। हरियाणा के बारे में वे कहते हैं – हरित भरित हरियाणा की संस्कृति बहुत ही प्राचीन है। यहीं पर अर्जुन, भीम, युधिष्ठिर आदि महापुरुषों की क्रीडास्थली है। यहीं पर कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध में कौरव-पाण्डवों ने भाग लिया। ‘भगवद्गीता’ के श्लोक यहीं पर श्रीकृष्ण के मुख से सुनाये गये। यहाँ धर्म-कर्म-संस्कृति-सभ्यता-बल-पौरुष का संबल है। यहाँ इन्द्रप्रस्थ के सम्मुख इन्द्रपुरी भी पानी भरती है।