कवि, गीतकार, उपन्यासकार, नाटककार एवं आलोचक दुष्यन्त कुमार का जन्म 1931 ई. में बिजनौर (उत्तर प्रदेश) में हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम.ए. करने के उपरांत आपने कुछ वर्ष आकाशवाणी भोपाल में काम किया। आप बाद में मध्यप्रदेश भाषा-विभाग, भोपाल से जुड़े जहाँ आप सह-संचालक के रूप में कार्य करते रहे।
आपको ‘नई कविता’ का कवि माना जाता है। आपने अपने लेखन के अन्तिम दौर में ‘गजल’ को अपनाया। इस विधा में आपने नए आयाम स्थापित किये जिसमें आपको बहुत प्रसिद्धि मिली। आपकी मृत्यु 1975 ई. में हुई।
आपकी रचनाएँ : काव्य : ‘सूर्य का स्वागत’, ‘आवाजों के घेरे’, ‘जलते हुए वन का वसन्त’, ‘एक कंठ विषपायी’ (काव्य-नाटक) ‘साए में धूप’ (गजल-संग्रह)।
उपन्यास : ‘छोटे-छोटे सवाल’, ‘दुहरी जिन्दगी’, ‘आँगन में एक वृक्ष’|
नाटक : ‘और मसीहा मर गया’। एकांकी : ‘मन के कोण’।