निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
संसार के सभी नेताओं ने अपनी प्रतिज्ञा में देश की भलाई के लिए निष्ठा से सेवा करने के सिद्धांतों की सत्यता पर विश्वास
करके अपने कदम को आगे बढ़ाया है। अनुयायियों के विश्वासघात के भय से उन्होंने पलायन नहीं किया न आतताइयों के भय से उन्होंने उनके सामने सर झुकाया। मेरे जीवन की अपेक्षा मेरी मृत्यु से ही सत्य का अधिक कल्याण होगा – यह कहते हुए महात्मा ईसा सूली पर चढ़ गये और महान दार्शनिक सुकरात मुस्कुराते हुए जहर का प्याला पी गये। इतिहास साक्षी है कि महात्मा ईसा के साथ उनका धर्म सूली पर नहीं चढ़ाया जा सका और न ही सुकरात के साथ उनके शाश्वत सिद्धांतों का अंत हुआ।
i) संसार के सभी नेताओं ने कैसे अपने कदम को आगे बढ़ाया है?
ii) नेताओं ने किसके विश्वासघात के भय से पलायन नहीं किया?
ii) नेताओं ने किसके सामने अपना सर नहीं झुकाया?
iv) ‘मेरे जीवन की अपेक्षा मेरी मृत्यु से ही सत्य का अधिक कल्याण होगा’ इसे किस महात्मा ने कहा?
v) किसके शाश्वत सिद्धांतों का अंत न हुआ?