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in Class 12 by kratos

निम्नलिखित अनुच्छेद पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

हमारे देश में प्राचीन काल से अच्छे स्वास्थ्य के लिए उचित आहार पर जोर दिया गया है। चिकित्सा शास्त्र के आचार्यों और ऋषि-मुनियों ने आयुर्वेद में आहार की महत्ता प्रतिपादित की है। उपनिषद् में कहा गया है – अन्न ही हमारे मन का निर्माण करता है। चरक संहिता में लिखा है – अन्न प्राणियों का प्राण है। श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार भोजन अथवा आहार यथायोग्य होना चाहिए। हमारा आयुर्वेद तो भोजन अथवा आहार संबंधी हिदायतों से भरा पड़ा हैं। लेकिन फिर भी यह विडम्बना ही है कि भारत में आधे से अधिक बच्चे कुपोषण से किसी न किसी रूप में ग्रस्त हैं तथा एक-तिहाई के लगभग महिलाएं कुपोषण की शिकार हैं। आयुर्वेद में पथ्य एवं कुपथ्य को भी बहुत अधिक महत्व दिया गया हैं। आयुर्वेद में शरीर और मन के लिए हितकारी आहार को पथ्य एवं शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले भोज्य पदार्थों को कुपथ्य कहा गया है।

i) हमारे देश में प्राचीन काल से अच्छे स्वास्थ्य के लिए किस पर जोर दिया गया है?

ii) उपनिषद् में क्या कहा गया हैं?

iii) श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार आहार किस प्रकार का होना चाहिए?

iv) भारत में आधे से अधिक बच्चे किससे व्यस्त हैं?

v) शरीर और मन के लिए हितकारी आहार को क्या कहते हैं?

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by kratos
 
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i) हमारे देश में प्राचीन काल से अच्छे स्वास्थ्य के लिए उचित आहार पर जोर दिया गया है।

ii) उपनिषद् में कहा गया है कि अन्न ही हमारे मन का निर्माण करता है।

iii) श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार आहार यथायोग्य होना चाहिए।

iv) भारत में आधे से अधिक बच्चे कुपोषण से ग्रसित है।

v) शरीर और मन के लिए हितकारी आहार को पथ्य कहा गया है।

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