चींटी के बारे में कवि यह कहते है कि छोटी सी चींटी दान लेकर चलती है चढती दिवारों पर | सौ बार फिसलती है। पर मन का विश्वास, उस के | रंगों में साहस भरता है। चडकर गिरना, गिर कर चढना न आखरता है आखिर उस्की मेहनत बेकार – नहीं होती इसलिए कोशिस करनेवालों की कभी हार नहीं होती।