प्राकृति माता ने कर्नाटक राज्य को अपने हाथों | से संवारकर सुंदर और समृद्ध बनाया है। कर्नाटक
के प्राकृतिक सुषमा नयन मनोहर है। पश्चिम में विशाल अरबी समुद्र है। दक्षिण से उत्तर छोर तक फैली पव्रतमाला ओं को पश्चिम घाट कहते है। उन इन्हीं घाटों का कुछ भग सहाद्रि कहलाता है। दक्षिण में निलगिरी की पर्वतमालाएं शोभायमन है।