सुजान भगत भिक्षुक को भीख देने के लिए अनाज लेने भंडार घर में गये। वे एक छबड़ी में सेर भर जौ लेकर निकले। तभी अचानक भोला ने उनके हाथ से छबड़ी छीन ली और क्रोध से बोला – सेंत का माल नहीं है, जो लुटाने चले हो। छाती फाड़-फाड़ कर काम करते हैं, तब दाना घर में आता है। इस प्रकार भोला ने सुजान भगत को अपमानित किया।