+2 votes
in Class 12 by kratos

ससंदर्भ स्पष्टीकरण कीजिए :

‘अभी ऐसे बूढ़े नहीं हो गए कि कोई काम ही न कर सकें।

1 Answer

+2 votes
by kratos
 
Best answer

प्रसंग : प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘साहित्य गौरव’ के ‘सुजान भगत’ नामक कहानी से लिया गया है जिसके लेखक प्रेमचंद हैं।
संदर्भ : प्रस्तुत वाक्य को भोला अपने पिता के बारे में अपनी माँ बुलाकी से कहता है।
स्पष्टीकरण : एक दिन बुलाकी ओखली में दाल छाँट रही थी। एक भिखमँगा द्वार पर आकर चिल्लाने लगता है। भोला माँ से उसे कुछ देने के लिए कहता है, तो बुलाकी पूछती है कि तुम्हारे पिताजी क्या कर रहे हैं, तो व्यंग्य से भोला कहता है कि दिन भर एक न एक खुचड़ निकालते रहते हैं, सारा दिन पूजा-पाठ में ही निकल जाता है और अभी ऐसे बूढ़े नहीं हुए। इससे हमें पता चलता है कि सुजान का अनादर घर में कैसे होता रहा।

...