भावार्थ लिखिए :
तुलसी साथी विपत्ति के, विद्या विनय विवेक। साहस सुकृति सुसत्यव्रत, राम भरोसो एक।
तुलसीदासजी कहते हैं कि विद्या, विनय, विक ये विपत्ति के साथी। जब मनुष्य पर विपत्ती पडती है। तब विद्या, विनय और विवेक ही उसका साथ निभाते हैं। जो राम पर विश्वास रखता है वह साहसी, सत्यव्रत तथा सुकृतवान बनता है।