पाँच हजार रूपये मिलने पर मोहन क्या सोचता है ?
पाँच हजार रुपये मिलने पर मोहन यह सोचता है कि ये रूपये प्रधानध्यापक जी को देंगे तो वे पाठशाल के पुस्तकालय में गरीब बच्चों के लिए पुस्तकों का प्रबंध कर सके ।