शास्त्र में सत्य बोलने का तरीका कैसे समझाया जाता है?
किसी को परेशान करने, दुखी करने के उद्देश्य से सत्य बोलना नहीं चाहिए। सत्य बोलने का तरीका शास्त्र में इस तरह समझाया गया है कि ‘सत्यं ब्रूयात्, प्रियं ब्रूयात्, न ब्रूयात् सत्यमप्रियम’ अर्थात् सच बोलो, जो दूसरों को प्रिय लगे, अप्रिय सत्य मत बोलो।।