मौसी के खुशी जीवन का वर्णन कीजिए।
मौसी फिरसे स्कूल के आँगन में आने लगी। बच्चों को कहानियाँ सुनाती, मोहल्ले का चक्कर काटती, सभी घरों में आँककर लोगों का हालचाल पूछती। श्याम होते ही अपनी कोठरी में चली जाती। इस तरह मौसी हसी खुशी दिन बिताती थी।