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in Class 9 by kratos

चेरापूँजी से आया हूँ कहानी का सारांश लिखें।

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by kratos
 
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चेरापूँजी से आया हूँ पाठ का सारांश :

शिलंग मेघालय की राजधानी खुबसूरत राजधानी है। वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य की तुलना उत्तर भारत में किसी भी शहर के साथ नहीं होसकती। स्वच्छ, सुंदर पर्वतीय नगर, चारों तरफ हरियाली छाई हुई ऐसा शायद ही देखने को मिले। लेखक जीप से 53 कि.मी. दूर चेरापूंजी की ओर बढ़ रहे थे। साथ में राज्य के अधिकारी श्री संगमा और उनके दो दोस्त भी थे। उन्होंने जो जानकारी दी उसके मुताबिक मेघालय में जलविद्युत का उत्पादन माला की बिक्री से ज्यादा होता है और अतिरिक्त बिजली अन्य राज्यों को देते है।

मेघालय तीन पर्वतीय अंचलों में बँटा हुआ है – खासी पर्वत, गारो पर्वत और जयंतिया पर्वत। हर एक अंचल का अपना महत्व है। अलग संस्कृति है। वहाँ मातृसत्तात्मक पारिवारिक व्यवस्था है। भूमि, धन संपत्ति सब माँ से बेटी को मिलती है। ज्यादातर पूर्वोत्तर राज्यों में स्त्रियों का वर्चस्व देखने को मिलता है। भले ही वहाँ मातृसत्तात्मक परिवार व्यवस्था न हो। मणिपुर की राजधानी इम्फाल में माइती बाजार देखने को मिलता है। माइतीबाजार यानी माँ का बाजार, दिनभर सामान की बिक्री यहाँ की महिलाएँ करती है। यहाँ वर्ग भेद नहीं है। अमीर-गरीब घरों की स्त्रियाँ इस बाजार में मिल जाएँगी। इसबाजार में दुकानों पर बैठी है महिलाएँ – फिर चाहे दुकान फल सब्जियों की हो या चाय की।

आगे बढ़ते हुए लेखक संगमा के साथ चले जाते है। वहाँ एक जगह पर जीप रूकवा दी। सामने नोहरंग थियांग प्रपात जो मॉसमाई प्रपात के नाम से लोकप्रिय है, दिखाई दिया। ऊँचे पहाड से सैंकड़ों कुट नीचे पानी लगातार बिना किसी रुकावट के गिर रहा है। वहाँ से बांग्लादेश ठीक सामने से नजर आ रहा है। अचानक हल्की-हल्की वर्जा शुरू होती है। पलभर में मौसम बदलता है। समुद्र की सतट से तेरह सौ मिटर ऊपर चेरापूँजी है। विश्व में सबसे अधिक वर्षोंवाला स्थान मान जाता है। वहाँ कलकल करते जलप्रपात भी है। मौर पानी से घिरे बाँग्लादेश का भूभाग नजर आता है।

खासी, जयंतिया और गारो इन पहाडियों के लोगों की विशेजताएँ कुछ इस प्रकार है। खासियों को सम्मान की दृष्टी से देखा जाता है। गारो समूह बोडो जाति का अंग है। नोंगक्रेम प्रमुख मृत्य है। जयंतिया पहाडियों के उत्सव का नाम बेहडेनखलाम है। मासमाई काव की गफाएँ हैं, वह। इतनी अंधेरी हैं कि मशाल या टॉर्च जलाए बिना उनमें प्रवेश नहीं कर सकते लेखक के । साथ संगमा और उनके दोस्तों ने मशालें जला ली और गुफाओं के अंदर आगे बढगए।

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