पर्यावरण बचाओ कविता का सारांश :
कवि परशुराम शुक्ल जी ने कविता में पर्यावरण के बारे में समस्या को पाठकों के सामने उजागर किया है। आजकल हमारे आसपास का वातावरण प्रदूषित हो गया है। हम सबका यह कर्तव्य बनता है कि जब तक हमारा जीवन है हमें पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। पानी हवा को शुद्ध रखने की कोशिश करनी चाहिए। अगर हवा, पानी शुद्ध रहेंगे मिट्टी भी सुगंधित रहेगी तो सबके लिए हितकारी होगा। तब एक जगत में जीव रह सकता है।
प्रदूषण तीन तरह का है – जल, वायु और ध्वनि। यह हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। इनकी रक्षा हमारा प्रथम कर्तव्य माना गया है। ध्वनि | शोर और मिट्टी का प्रदूषण मगर हम दूर करेंगे तो हमारे जीवन में सुख, शांति आ सकती है। पेडों को काटना नहीं चाहिए। लेकिन किसी कारणवश वृक्ष कोटनापडे तो, उसकी जगह पर ग्यारह वृक्ष लगाए जाने चाहिए। पर्यावरण को बचाने का एक यही उपाय महत्वपूर्ण माना गया है।