कक्ति की अंतिम पंक्तियों में कर्चि ने यह संदेश दिया है कि जीवन के मार्ग में अनेक कठिनाझ्याँ आती है। इनमें हारकर कोई बीच रास्ते में ही रुकना हैं तो कोई हर मक्त लेते हैं। जीन किसी के लिए रुकता नहीं है। जो सूर के मक्कर आगे बढता ही जाता है सफलता उसी की होती हैं। इसलिए हमें चलाते है रस हैं।