निम्नलिखित लोकोक्तियाँ अर्थ लिखिए :
अपना हाथ जगन्नाथ
आप भला तो जग भला
घर का भेदी लंका ढाए
अधजल गगरी छलकत जाये
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता
अब पछताये होत क्या चिड़िया चुग गई खेर
अशर्फी की लूट, कोयले पर छाप
आम का आम, गुठली का दाम
आये थे हरिभजन को, ओटने लगे कपास
आँख का अंधा, नाम नयनसुख
उलटे चोर कोतवाल को डाँटे
ऊँट के मुँह में जीरा
ऊँची दुकान, फीके पकवान
ऊँट किस करवट बैठता है
एक पंथ दो काज
एक म्यान में दो तलवार
एक तो करेला, दूजे नीम चढ़ा
अंधों में काना राजा
काला अक्षर भैंस बराबर
का वर्षा जब कृषि सुखाने